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प्रारब्ध करम का सिद्धांत दृश्य अदृश्य प्रबंधन जीवन
& Free Shippingयह लेख जीवन में कर्म, प्रारब्ध और अदृश्य ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका पर केंद्रित है। लेखक का कहना है कि संसार कर्तव्यपालन का क्षेत्र है, लेकिन लोग बुरे कर्मों से अच्छे फल की उम्मीद करते हैं, जो कि असंभव है। प्रारब्ध एक अदृश्य ऊर्जा है जो जीवों को उनके कर्मों के फल भोगने पर मजबूर करती है। मानव जन्म अमूल्य है, फिर भी लोग स्वार्थ, ईर्ष्या और मोह में फंसे रहते हैं। लेखक का तर्क है कि प्रारब्ध से पीछा छुड़ाना और इसके प्रभाव को समझना सबसे बड़ा कर्तव्य है। प्रारब्ध के प्रभाव से बचना और जीवन को सार्थक बनाना ही मानव का लक्ष्य होना चाहिए। लेखक पाठकों को इस अदृश्य ऊर्जा को समझने और अपने कर्मों के प्रति जागरूक होने के लिए प्रेरित करते हैं, ताकि वे अपने जीवन को बेहतर बना सकें और दिव्य-पथ की ओर अग्रसर हो सकें।
Puja Rajvanshi –
Jai maa 🙏🙏🙏
Excellent knowledgeable every body must read
Puja Rajvanshi –
Jai maa 🙏🙏🙏
Excellent knowledgeable full of spirituality,every body must read