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धर्मों का समन्वय: मानव कल्याण और देशहित की आवश्यकता
धर्म प्रधान एवं अध्यात्म प्रेमी व्यक्तियों तथा धर्मों का एक दूसरे से समन्वय से भातृत्व सम्बन्ध होना मानव कल्याण के लिए परम आवश्यक हैं। मुख्य रूप से देश हित में तो ऐसा ही होना अनिवार्य समझा जाना चाहिए। धर्मों के बारें में पाई जाने वाली गलत फ़हमियों का निवारण अवश्य ही होना चाहिए। जरुरत इस तथ्यात्मक बात की भी हैं, कि समस्त धर्मों का निष्पक्ष , सकारात्मक भाव से अध्यन-मनन बिना राजनीती के होना चाहिए।

कुछ मुख्य बिंदु
- धर्मों का समन्वय – धर्मों का आपसी समन्वय मानव कल्याण और देशहित के लिए अत्यंत आवश्यक है।
- भातृत्व संबंध – धर्म प्रधान व्यक्तियों के बीच भातृत्व और समझदारी से समाज में शांति बढ़ती है।
- गलतफहमियों का निवारण – धर्मों के बीच व्याप्त गलतफहमियों को दूर करना जरूरी है।
- निष्पक्ष अध्ययन – धर्मों का अध्ययन बिना किसी राजनीतिक एजेंडे के निष्पक्ष और सकारात्मक दृष्टिकोण से होना चाहिए।
- समाज में सद्भाव – विभिन्न धर्मों के बीच सद्भाव और तालमेल से समाज में शांति और समृद्धि आएगी।