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सत्व गुण और चरित्र: समाज में सुख और दुःख का कारण
देश के प्रत्येक घर को हम सदावर्त में भले ही परिणिति कर दें , देश को अस्पतालों में भले ही भर दे , परन्तु जब तक मनुष्य का सत्व गुण एवं चरित्र परिवर्तित नहीं होता , तब तक दुःख-क्लेश संसार में बना ही रहेगा।
कुछ मुख्य बिंदु
- सत्व गुण का महत्व – समाज में सुख और समृद्धि के लिए मनुष्य का सत्व गुण बदलना आवश्यक है।
- चरित्र का प्रभाव – चरित्र सुधारने से ही व्यक्ति और समाज में वास्तविक बदलाव आ सकता है।
- भौतिक सुविधाओं का अधूरापन – अस्पतालों या सुविधाओं का होना केवल अस्थायी समाधान है, सच्चे परिवर्तन के लिए आंतरिक गुणों में सुधार होना चाहिए।
- दुःख-क्लेश का स्थायित्व – जब तक मनुष्य का चरित्र सुधार नहीं होता, दुःख और क्लेश बने रहते हैं।
- समाज में सुधार की आवश्यकता – समाज के प्रत्येक व्यक्ति को सत्व गुण और अच्छे चरित्र के साथ जीने के लिए प्रेरित करना चाहिए |