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ईश्वर का शाश्वत सत्य और गुरु की कृपा
ईशवर का नाम भी शाश्वत सत्य हैं। वह ब्रह्माण्ड का रचियता हैं , भय से रहित हैं , किसी से बैर नहीं करता , अजन्म तथा स्वयंभू हैं। ईश्वर को सद्गुरु की कृपा से ही प्राप्त किया जा सकता हैं।
महत्वपूर्ण बिंदु
- ईश्वर का शाश्वत सत्य – ईश्वर सत्य हैं, जो सदा और अनंत हैं।
- ब्रह्माण्ड के रचियता – वह ब्रह्माण्ड का सृष्टिकर्ता हैं, जिसने सब कुछ रचा।
- भय से रहित – ईश्वर किसी भी प्रकार के भय से मुक्त हैं और किसी से बैर नहीं करते।
- अजन्म और स्वयंभू – ईश्वर न तो जन्मते हैं और न ही मरते हैं, वे स्वयं से उत्पन्न हैं।
- गुरु की कृपा – ईश्वर को प्राप्त करने के लिए सद्गुरु की कृपा की आवश्यकता होती है।