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यदि हमें परिवार , समाज में धनात्मक ऊर्जा पैदा करनी है तो सर्वप्रथम हमें अपने बेटों को एक अच्छा कर्तव्य निष्ठ , सत्य गुणी , ऊर्जावान नागरिक , अच्छा भाई , अच्छा पडोसी , अच्छा पति , अच्छा दामाद और अच्छा पिता बनाने की शिक्षा घर से ही देना होगी | जिससे हम सभी एक सुसंस्कृत , संस्कारित सच्चारित्र परिवार , समाज के निर्माण में योगदान दे सकें |
हमे अपनी बेटी , कन्या को वैसी ही बहू बनने की शिक्षा देनी चाहिए , जैसी बहू हम स्वयं के बेटे और परिवार के लिए चाहते हैं | जैसी सास आप अपनी लड़की के लिए चाहते हैं , स्वयं भी वैसी ही सास बने , अपनी बहू के लिए जीवन मूल्यों , प्रवत्तियों , आचरण आदि की कामना आप बेटियों के लिए उसके विवाह उपरांत बने घर में होने की करती हैं , व्ही जीवन-मूल्य और आचरण हमे भी अपने घर में अपनाने चाहिए , हमारी बिटिया जो धनात्मक ऊर्जा घर में शिक्षा से पाएगी , उसी का आचरण और उपयोग भविष्य में जब स्वयं सास बनेगी तो अपनी बहू से निर्वाह करने में करेगी | जब वो स्वयं एक माँ बनेगी तो अपने माँ अपने बच्चे की प्रथम गुरु या शिक्षिका होती हैं , जो शिक्षा संस्कार , मधुर , शांत , गंभीर , पारदर्शी-दृष्टि उसने अपने जन्म दाता परिवार से पाई थी , वही शिक्षा-संस्कार को होनी संतान को हस्तांतरित करेगी और एक अच्छे परिवार , समाज का निर्माण करने में सर्वदा सहायक होगी | एक सकारात्मक , सत्व गुनी , सदाचारी , नैतिकता युक्त , संस्कारित , आत्म-संतुलित शुद्ध – पवित्र प्रवृतियाँ युक्त मन , चित्त हृदय , विनम्रता , उदारता , सद्भावना के बीज़ बोना हमारे हाथ में ही हैं , यह सत-कार्य हम आज से ही प्रारम्भ करें , बच्चों को संस्कार युक्त शिक्षा प्रदान करें और एक समृद्ध , परिवार , समाज के निर्माण में योगदान दें|

परिवार में अच्छे संसकरों का महत्त्व
- संस्कारों से नैतिकता का विकास :
परिवार में अच्छे संस्कार बच्चों में नैतिकता और सच्चाई के मूल्य उत्पन्न करते हैं। ये उन्हें सही-गलत की पहचान कराते हैं और एक ईमानदार इंसान बनाते हैं। - मानवीय मूल्यों की स्थापना :
अच्छे संस्कार व्यक्ति में सहानुभूति, करुणा, और दया जैसे मानवीय मूल्य विकसित करते हैं, जो समाज में प्रेम और सहयोग की भावना को बढ़ाते हैं। - अच्छे रिश्तों का निर्माण :
अच्छे संस्कार परिवार के सदस्यों के बीच सम्मान और विश्वास का माहौल बनाते हैं, जिससे आपसी संबंध मजबूत होते हैं और परिवार में सामंजस्य बना रहता है। - समाज में सकारात्मक योगदान :
अच्छे संस्कारों से सुसंस्कृत व्यक्ति समाज में सकारात्मकता और सच्चाई का प्रतीक बनता है। इससे समाज का विकास होता है और एक स्वस्थ वातावरण का निर्माण होता है। - संस्कृति और परंपरा का संरक्षण :
परिवार में अच्छे संस्कार बच्चों में अपनी संस्कृति और परंपराओं के प्रति आदरभाव जगाते हैं। इससे सांस्कृतिक धरोहर को आगे बढ़ाने और संरक्षित रखने में सहायता मिलती है।