अपने भाग्य , किस्मत , नसीब को कभी भी दोष मत दीजिये , प्रारब्ध के अनुसार मनुष्य-योनि के रूप में ८४ लाख योनियों के बाद जन्म मिला हैं | यह मनुष्य का भाग्य नहीं तो क्या हैं ?
मनुष्य ठोकर खाकर गिर गया , यह बताना आवश्यक नहीं हैं , यह बताना अति आवश्यक एवं महत्वपूर्ण हैं कि कोई व्यक्ति ठोकर खाने से कैसे बचे , या वह कैसे अच्छे कर्म करके अपने मानव जीवन को बेहतर बनाए और सुख-शांति से अपना और अपने परिवार का जीवनव्यापान करें |
जीवन में कुछ ऐसे जाग्रत प्रश्न होते हैं लेकिन वे हमें सबसे अधिक चिंतन करना , सोचना सिखाते हैं , जैसे भय चाहे मन में स्वयं की मृत्यु का हो या किसी आलोचना का हो , वास्तव में भय हमे अतीत के बारे में चिंतित करता हैं , अगर हम आने वाली मृत्यु के भय को स्वीकार कर सकते हैं तो यह भी महसूस कर सकते हैं कि अभी हम जीवित हैं , क्योंकि हमें परमार्थ , परोपकार और मानव कल्याण में लगता हैं |
श्रेष्ठ वही आदमी हैं जो यह तथ्य बताए कि जो गलती करता हैं वही जीवन में सफल होता और सत्वगुणों के साथ जीवन जीता हैं | अतः मनुष्य को आत्म-बल , आत्म-चिंतन , आत्म-विचार , आत्म-ज्ञान , आत्म -संतुलन बनाए रख कर अपना सार्थक जीवन जीना चाहिए |

कुछ मुख्य बिंदु
- जीवन अनमोल है :
मनुष्य जन्म पाना एक दुर्लभ अवसर है, जिसमें हमें सोचने, समझने और जीने की शक्ति प्राप्त होती है। इसे व्यर्थ जाने देना या बुरा कहना हमारे अस्तित्व का अनादर है। - संसार का अनुभव :
मनुष्य जन्म में हमें इस सुंदर संसार का अनुभव करने का मौका मिलता है। हर पल, हर संबंध, और हर परिस्थिति एक अद्भुत अनुभव है, जो केवल मनुष्य के लिए उपलब्ध है। - ज्ञान और आत्मविकास का अवसर :
मनुष्य जीवन में हमें ज्ञान अर्जित करने और आत्मविकास करने का अवसर मिलता है। यह हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और आध्यात्मिक उन्नति करने में मदद करता है। - कर्तव्यों का पालन :
इस जीवन में हम परिवार, समाज और देश के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाते हैं। ये कर्तव्य हमें जीवन में उद्देश्य और संतोष प्रदान करते हैं। - ईश्वर के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर :
यह जन्म हमें ईश्वर के प्रति आभार व्यक्त करने और उनकी कृपा का अनुभव करने का अवसर देता है। यह हमें ईश्वर से जुड़ने और अपने जीवन को सार्थक बनाने में सहायक है। - सुख-दुख का अनुभव :
मनुष्य जीवन में सुख-दुख दोनों का अनुभव हमें मिलता है, जो हमें जीवन के गहरे अर्थ को समझने में मदद करता है। यह अनुभव हमें सहनशीलता और समझदारी की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।